Pravin Sharma

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Jun-2022

दिल आज कल बीमार है,
इस पर चढ़ा तेरा ही खुमार है,
सुनता नहीं मेरी कोई बात हैं,
जागता रहता सारी सारी रात हैं,
भूख आज कल लगती नहीं,
तूझसे बात किए बिना प्यास भी बुझती नहीं,
दिल आज कल बीमार है,
इस पर चढ़ा तेरा ही खुमार है।।
हर किसी में दिखती तेरी तस्वीर है,
तेरे बिना फूटी मेरी तकदीर हैं,
तू मेरी पूजा, तू ही मेरी इबादत है,
तू मेरे हर गुनाह की जमानत हैं
तू मेरी सुबह, तू ही मेरी शाम है,
तुझे ही जुड़ा मेरा नाम हैं
दिल आज कल बीमार है,
इस पर चढ़ा तेरा ही खुमार है।।

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11 Comments

Seema Priyadarshini sahay

10-Jun-2022 08:04 AM

बेहतरीन

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Abhinav ji

09-Jun-2022 08:42 AM

Nice👍

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Renu

08-Jun-2022 11:44 PM

👍👍

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